भारत सरकार की त्वरित और साहसिक कार्रवाई ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि संकट के समय में वह अपने नागरिकों को कभी अकेला नहीं छोड़ती। युद्ध की चपेट में आए ईरान से भारत के 110 छात्र एक विशेष विमान के ज़रिए ऑपरेशन सिंधु के तहत दिल्ली एयरपोर्ट पर सुरक्षित लौटे। इस राहत भरी खबर ने पूरे देश को राहत की सांस दी है, खासकर उन माता-पिता और परिवारों को जो बीते कई दिनों से अपनों की सलामती को लेकर चिंतित थे।
ईरान में बिगड़े हालात, भारतीय छात्र फंसे
पिछले कुछ हफ्तों से ईरान में हालात काफी तनावपूर्ण हैं। वहां विभिन्न गुटों के बीच हिंसक झड़पें हो रही थीं और कई शहरों में बमबारी की घटनाएं सामने आ रही थीं। ऐसे माहौल में वहां पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्र घबराए हुए थे। कई छात्र मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए वहां मौजूद थे और हॉस्टल्स में छिपे हुए दिन गुजार रहे थे।
छात्रों के परिजन लगातार भारत सरकार से मदद की गुहार लगा रहे थे। सोशल मीडिया पर भी #SaveOurStudents ट्रेंड कर रहा था। इसी बीच भारत सरकार ने तत्काल कार्रवाई करते हुए “ऑपरेशन सिंधु” की शुरुआत की।
ऑपरेशन सिंधु: जान बचाने वाली पहल
विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के समन्वय से यह मिशन शुरू किया गया। ईरान में स्थित भारतीय दूतावास ने फंसे हुए छात्रों से संपर्क किया और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। इसके बाद विशेष विमान भेजकर 110 छात्रों को पहले समूह में भारत लाया गया।
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा,
“हम अपने हर नागरिक की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। ऑपरेशन सिंधु हमारे संकल्प और सेवा भावना का प्रतीक है।”
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एयरपोर्ट पर भावुक लम्हे
जब विशेष विमान दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरा, तो वहां मौजूद परिजनों की आंखों में आंसू थे – लेकिन ये आंसू डर के नहीं, राहत और खुशी के थे। बच्चों को देखकर परिवार के लोग गले लग गए और कई देर तक कुछ बोल नहीं पाए।
सुमन देवी, जो पटना से अपनी बेटी को लेने आई थीं, ने कहा,
“जब बेटी ने फोन कर कहा कि वह भारत लौट रही है, तब से नींद नहीं आई। अब उसे सामने देख रही हूँ तो भगवान और सरकार दोनों का शुक्रिया कर रही हूँ।”
छात्रों ने बताया भयावह अनुभव
ईरान से लौटे छात्रों ने वहां के हालात को लेकर डरावने अनुभव साझा किए। एक छात्र ने बताया कि
“हमने कई रातें बिना बिजली और पानी के बिताईं। बाहर गोलीबारी हो रही थी और हम हॉस्टल के कमरे में छिपे हुए थे। रोज़ डर लगता था कि अगली सुबह देख पाएंगे या नहीं।”
सरकार के संपर्क में आने के बाद छात्रों को भरोसा हुआ कि उन्हें मदद जरूर मिलेगी।
बाकी फंसे भारतीयों को भी लाने की योजना
भारत सरकार ने साफ किया है कि ईरान में अभी और भी भारतीय फंसे हुए हैं, जिनमें छात्र, कामगार और कुछ व्यापारी शामिल हैं। सरकार की योजना है कि ऑपरेशन सिंधु के अगले चरण में उन्हें भी जल्द सुरक्षित लाया जाए। इसके लिए दूतावास और संबंधित एजेंसियां लगातार काम कर रही हैं।
स्वास्थ्य जांच और परामर्श की सुविधा
दिल्ली पहुंचने के बाद सभी छात्रों की स्वास्थ्य जांच करवाई गई और मनोवैज्ञानिक परामर्श भी दिया गया। कई छात्र मानसिक रूप से परेशान थे, इसलिए उन्हें आराम करने और तनाव मुक्त रहने की सलाह दी गई है।
निष्कर्ष
“ऑपरेशन सिंधु” केवल एक बचाव मिशन नहीं, बल्कि भारत सरकार की जवाबदेही और संवेदनशीलता का प्रतीक है। यह दिखाता है कि भारत अपने नागरिकों को किसी भी संकट में अकेला नहीं छोड़ता, चाहे वे दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न हों।
इस मिशन ने यह संदेश दिया है कि जब सरकार और समाज एक साथ मिलकर काम करते हैं, तो हर मुश्किल आसान हो सकती है।