घाना: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घाना दौरे (जुलाई 2025) ने दोनों देशों के बीच संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ दिया है। इस दौरे का एक बेहद खास और यादगार पल तब सामने आया, जब घाना की संसद में प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करने के लिए कई घाना के सांसद भारतीय पारंपरिक परिधानों में नजर आए। यह दृश्य न केवल दोनों देशों की सांस्कृतिक निकटता को दर्शाता है, बल्कि घाना के लोगों के बीच भारत और उसकी सभ्यता के प्रति गहरे सम्मान और प्रेम को भी उजागर करता है।
सांस्कृतिक मिलन का अद्भुत नज़ारा:
प्रधानमंत्री मोदी जब घाना की संसद को संबोधित करने पहुंचे, तो वहां का माहौल भारतीय संस्कृति के रंगों से सराबोर था। कई पुरुष सांसद पारंपरिक भारतीय कुर्ता-पायजामा या शेरवानी पहने हुए थे, जबकि महिला सांसदों ने खूबसूरत साड़ियां या सलवार-कमीज का चुनाव किया था। इस अद्भुत नजारे ने संसद भवन में उपस्थित सभी लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह अपने आप में एक शक्तिशाली प्रतीकात्मक कार्य था, जो घाना के नेताओं की ओर से भारत के प्रति एक विशेष जुड़ाव और सम्मान का संदेश दे रहा था।
एक घाना के सांसद ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हम प्रधानमंत्री मोदी और भारत के लोगों का घाना में तहे दिल से स्वागत करना चाहते थे। भारत हमारी प्रेरणा रहा है, खासकर लोकतंत्र और विकास के क्षेत्र में। भारतीय परिधान पहनना हमारे आतिथ्य और हमारी सांस्कृतिक जड़ों के प्रति भारत के सम्मान को व्यक्त करने का हमारा तरीका है।”
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PM मोदी का ऐतिहासिक घाना दौरा:
घाना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का घाना दौरा अफ्रीका के साथ भारत के बढ़ते संबंधों का हिस्सा है। इस दौरे का उद्देश्य व्यापार, निवेश, रक्षा, कृषि और शिक्षा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करना है। घाना, पश्चिमी अफ्रीका में भारत का एक महत्वपूर्ण साझेदार रहा है, और दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक रूप से मजबूत संबंध रहे हैं।
संसद में अपने संबोधन के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के बीच गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत और घाना सिर्फ व्यापारिक साझेदार नहीं हैं, बल्कि वे “विकास के साझेदार और एक बेहतर दुनिया के लिए साझा दृष्टिकोण” वाले राष्ट्र भी हैं। उन्होंने घाना की लोकतांत्रिक स्थिरता और आर्थिक प्रगति की भी सराहना की।
भारत-घाना संबंध: एक मजबूत नींव:
भारत और घाना के संबंध आजादी के बाद से ही मजबूत रहे हैं। भारत घाना के पहले राष्ट्रपति क्वामे न्क्रूमा के समय से ही अफ्रीकी देशों के साथ करीबी संबंध रखता आया है।
- व्यापार और निवेश: भारत घाना के प्रमुख व्यापारिक साझेदारों में से एक है। भारतीय कंपनियां घाना के खनन, कृषि, विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में महत्वपूर्ण निवेश कर रही हैं।
- विकास सहयोग: भारत घाना को विभिन्न विकास परियोजनाओं में सहायता प्रदान करता है, जिसमें क्षमता निर्माण, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा शामिल है।
- रक्षा सहयोग: दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ रहा है, जिसमें प्रशिक्षण और उपकरण शामिल हैं।
- सांस्कृतिक आदान-प्रदान: भारतीय संस्कृति घाना में लोकप्रिय है, और बॉलीवुड फिल्में, भारतीय भोजन और योग वहां काफी पसंद किए जाते हैं। घाना के सांसदों द्वारा भारतीय परिधान पहनना इसी सांस्कृतिक जुड़ाव का एक और प्रमाण है।
कूटनीति में सांस्कृतिक आदान-प्रदान का महत्व:
यह घटना दर्शाती है कि कूटनीति में केवल आर्थिक या राजनीतिक समझौतों का ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आपसी सम्मान का भी कितना महत्व है। घाना के सांसदों का यह कदम भारत और घाना के लोगों के बीच भावनात्मक संबंध को मजबूत करेगा और भविष्य में दोनों देशों के बीच सहयोग के नए रास्ते खोलेगा। यह घटना निश्चित रूप से दोनों देशों के संबंधों के इतिहास में एक मील का पत्थर बन गई है।
प्रधानमंत्री मोदी के इस घाना दौरे और वहां के सांसदों द्वारा दिखाए गए इस अद्वितीय सम्मान से यह स्पष्ट है कि भारत की “वसुधैव कुटुंबकम्” (विश्व एक परिवार है) की भावना वैश्विक स्तर पर अपना प्रभाव छोड़ रही है।