झारखंड: पिछले कुछ दिनों से झारखंड में हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। इसी भारी बारिश के चलते पूर्वी सिंहभूम जिले में एक निजी आवासीय विद्यालय में बाढ़ का पानी घुस गया, जिससे वहां फंसे 162 छात्रों को बचाने के लिए एक बड़ा बचाव अभियान चलाना पड़ा। सभी छात्रों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है और वे अपने परिवारों के पास भेजे जा रहे हैं।
रात भर छत पर बिताई छात्रों ने जान बचाने के लिए:
यह घटना पूर्वी सिंहभूम के कोवाली थाना क्षेत्र के हल्दीपोखर-कोवाली रोड पर स्थित लव कुश आवासीय विद्यालय में शनिवार रात को हुई। लगातार हो रही बारिश के कारण स्कूल परिसर में गुदरा नदी का पानी तेजी से बढ़ गया और पूरी इमारत जलमग्न हो गई। रात के समय जब बच्चे सो रहे थे, तभी पानी स्कूल में घुसना शुरू हो गया।
स्कूल प्रबंधन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तुरंत बच्चों को जगाया और उनकी जान बचाने के लिए सभी को एस्बेस्टस की छत पर भेज दिया। बच्चे पूरी रात बारिश में भीगते हुए छत पर ही फंसे रहे, अपनी जान बचाने के लिए संघर्ष करते रहे।
पुलिस, दमकल और ग्रामीणों का सफल बचाव अभियान:
सुबह करीब 5:30 बजे, पुलिस को इस आपात स्थिति की सूचना मिली। जानकारी मिलते ही पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) ऋषभ गर्ग के नेतृत्व में पुलिस टीम, दमकल विभाग की टीमें और स्थानीय ग्रामीण तुरंत मौके पर पहुंचे। खराब मौसम और पानी के तेज बहाव के बावजूद, बचाव दल ने त्वरित कार्रवाई की।
बचाव अभियान के दौरान, नावों और रस्सियों का उपयोग किया गया। एक-एक करके, सभी 162 छात्रों (जिनमें 122 छात्र और 40 छात्राएं शामिल थीं) को सुरक्षित बाहर निकाला गया। इस दौरान कुछ छोटे बच्चे भी थे, जिनकी उम्र तीन से पांच साल के बीच बताई जा रही है, लेकिन सभी को बिना किसी चोट के सुरक्षित बचा लिया गया। बच्चों को बचाने में स्थानीय ग्रामीणों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर मदद की।
ईस्ट सिंहभूम के डिप्टी कमिश्नर कर्ण सत्यार्थी ने बताया कि एनडीआरएफ (National Disaster Response Force) की टीमों के पहुंचने से पहले ही स्थानीय पुलिस और गोताखोरों ने ग्रामीणों की मदद से सभी बच्चों को बचा लिया था।
महाराष्ट्र एमबीए CAP 2025: पंजीकरण शुरू, जानें महत्वपूर्ण तिथियां और आवेदन प्रक्रिया
स्कूल बंद करने का आदेश और आगे की कार्रवाई:
बचाव अभियान के बाद, सभी छात्रों की स्वास्थ्य जांच की गई, जिसमें वे स्वस्थ पाए गए। उन्हें पहले पांड्राशोली प्राथमिक विद्यालय में ठहराया गया, जहां उन्हें हल्का नाश्ता दिया गया, और फिर प्रखंड मुख्यालय लाया गया। बाद में सभी छात्रों को उनके अभिभावकों को सौंप दिया गया है।
कोवाली थाना प्रभारी धनंजय पासवान ने जानकारी दी कि भारी बारिश के कारण एक मंजिला आवासीय विद्यालय की इमारत पूरी तरह से जलमग्न हो गई थी। स्थिति को देखते हुए, स्कूल को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है। प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश भी दिए हैं, क्योंकि आवासीय भवन नदी किनारे बना था, जिसे सुरक्षा की दृष्टि से ठीक नहीं माना जा रहा है।
झारखंड में भारी बारिश का अलर्ट जारी:
मौसम विभाग ने झारखंड के कई जिलों के लिए अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभी जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग को सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है। उन्होंने आमजन से भी अपील की है कि वे जलभराव वाले इलाकों और नदी-नालों से दूर रहें और सावधानी बरतें।
यह घटना एक बार फिर दर्शाती है कि मानसून के दौरान सुरक्षा उपायों और आपदा प्रबंधन की तैयारी कितनी महत्वपूर्ण है, खासकर आवासीय स्कूलों और नदी किनारे बने ढांचों के लिए। गनीमत रही कि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ और सभी छात्रों को सुरक्षित बचा लिया गया।