टाटा मोटर्स – देश की प्रमुख वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स के लिए जून 2025 का महीना बिक्री के लिहाज से कुछ खास नहीं रहा। कंपनी ने मंगलवार को जारी अपने मासिक बिक्री आंकड़ों में बताया कि जून 2025 में उसकी यात्री वाहन (PV) और वाणिज्यिक वाहन (CV) दोनों सेगमेंट में गिरावट दर्ज की गई है। यात्री वाहनों की बिक्री में 15 प्रतिशत की बड़ी गिरावट देखी गई, जबकि वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में भी 5 प्रतिशत की कमी आई। यह आंकड़े कंपनी के लिए चिंता का विषय बन सकते हैं, खासकर तब जब बाजार में प्रतिस्पर्धा लगातार बढ़ रही है।
यात्री वाहनों की बिक्री में 15% की गिरावट:
टाटा मोटर्स की जून 2025 में कुल यात्री वाहन (घरेलू और निर्यात सहित) की थोक बिक्री 37,237 यूनिट्स रही। यह जून 2024 में बेची गई 43,624 यूनिट्स की तुलना में 15 प्रतिशत की महत्वपूर्ण गिरावट दर्शाता है। घरेलू बाजार में भी स्थिति ऐसी ही रही, जहां कंपनी ने जून 2025 में 37,083 यूनिट्स बेचीं, जबकि जून 2024 में यह आंकड़ा 43,524 यूनिट्स था।
इस गिरावट के कुछ संभावित कारण:
- बढ़ती प्रतिस्पर्धा: भारतीय यात्री वाहन बाजार में नई कारों और एसयूवी (SUV) की बढ़ती संख्या के साथ प्रतिस्पर्धा काफी तेज हो गई है। हुंडई, महिंद्रा और मारुति सुजुकी जैसी कंपनियां नए मॉडल और आकर्षक ऑफर्स के साथ बाजार में मजबूती से खड़ी हैं।
- मांग में नरमी: कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, समग्र यात्री वाहन बाजार में भी जून के महीने में थोड़ी नरमी देखी गई है, जिसका असर टाटा मोटर्स की बिक्री पर भी पड़ा है।
- ग्रामीण बाजारों में चुनौती: मानसून की शुरुआत और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में कुछ अनिश्चितताओं का असर भी मांग पर दिख सकता है, खासकर छोटे और मध्यम वर्ग की कारों पर।
- नया मॉडल लॉन्च का इंतजार: शायद ग्राहक टाटा मोटर्स के कुछ आगामी नए मॉडलों के लॉन्च का इंतजार कर रहे हों, जिससे मौजूदा मॉडलों की बिक्री पर असर पड़ रहा हो।
वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में 5% की कमी:
वाणिज्यिक वाहनों के सेगमेंट में भी टाटा मोटर्स को जून 2025 में गिरावट का सामना करना पड़ा। कंपनी की कुल वाणिज्यिक वाहन बिक्री (घरेलू और निर्यात सहित) 5 प्रतिशत घटकर 31,400 यूनिट्स रही, जो जून 2024 में 33,053 यूनिट्स थी।
वाणिज्यिक वाहनों में गिरावट के कारण:
- माल ढुलाई क्षेत्र में मंदी: अर्थव्यवस्था में कुछ क्षेत्रों में धीमी वृद्धि या अनिश्चितता के कारण माल ढुलाई क्षेत्र में नए वाहनों की मांग प्रभावित हो सकती है।
- उच्च ईंधन कीमतें: ईंधन की ऊंची कीमतें वाणिज्यिक वाहन मालिकों के परिचालन लागत को बढ़ाती हैं, जिससे नए वाहन खरीदने का उनका निर्णय प्रभावित हो सकता है।
- ब्याज दरों का प्रभाव: ऊंची ब्याज दरें भी वाणिज्यिक वाहन खरीद के लिए फंडिंग को महंगा बनाती हैं।
तिमाही प्रदर्शन (Q1 FY26):
वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2025) में टाटा मोटर्स की कुल थोक बिक्री 1.24 लाख यूनिट्स दर्ज की गई, जो वित्त वर्ष 2024-25 की इसी अवधि में 1.38 लाख यूनिट्स से 10 प्रतिशत कम है। घरेलू बाजार में भी कंपनी ने 1.23 लाख यूनिट्स की बिक्री की, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि से 10 प्रतिशत कम है।
इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) का प्रदर्शन:
हालांकि कुल बिक्री में गिरावट आई है, इलेक्ट्रिक वाहनों के सेगमेंट में कंपनी का प्रदर्शन अपेक्षाकृत बेहतर रहा है। पिछले वित्त वर्ष (FY25) में टाटा मोटर्स के यात्री वाहनों की बिक्री में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत थी, जो कंपनी के ईवी पोर्टफोलियो की मजबूती को दर्शाता है। हालांकि, जून 2025 के लिए ईवी के विशिष्ट आंकड़े अभी पूरी तरह से सामने नहीं आए हैं।
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आगे की राह:
इन आंकड़ों के बाद टाटा मोटर्स के लिए आने वाले महीनों में चुनौती बढ़ सकती है। कंपनी को बिक्री बढ़ाने और बाजार हिस्सेदारी बनाए रखने के लिए नए रणनीतिक कदम उठाने पड़ सकते हैं। इसमें नए मॉडल लॉन्च करना, मौजूदा मॉडलों में अपडेट लाना, आकर्षक फाइनेंसिंग विकल्प प्रदान करना और डीलर नेटवर्क को मजबूत करना शामिल हो सकता है। हालांकि, भारतीय ऑटो बाजार की दीर्घकालिक संभावनाएं मजबूत बनी हुई हैं और कंपनी को उम्मीद है कि आने वाले समय में बिक्री में सुधार होगा, खासकर त्योहारी सीजन और ग्रामीण मांग में बढ़ोतरी के साथ।