दिल्ली: 2.4 करोड़ की नकली NCERT किताबें जब्त, एक पुलिसकर्मी निलंबित, दो पर जांच

दिल्ली: राजधानी दिल्ली में नकली किताबों के गोरखधंधे पर बड़ी कार्रवाई हुई है। पुलिस ने 2.4 करोड़ रुपये मूल्य की फर्जी NCERT (नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग) किताबें जब्त की हैं। इस मामले में दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है, जबकि दो अन्य पुलिसकर्मियों की भूमिका की जांच की जा रही है। यह घटना शिक्षा के क्षेत्र में जारी जालसाजी के बड़े नेटवर्क को उजागर करती है और पुलिस प्रशासन पर भी सवाल खड़े करती है।

क्या है पूरा मामला?

हाल ही में, दिल्ली पुलिस की शाहदरा जिला टीम ने NCERT की नकली किताबें बेचने वाले एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया था। पुलिस को सूचना मिली थी कि मंडोली रोड स्थित अनुपम सेल्स नामक एक दुकान पर अवैध रूप से नकली किताबें बेची जा रही हैं। छापेमारी के दौरान, दुकान के मालिक प्रशांत गुप्ता और उनके बेटे निशांत गुप्ता को गिरफ्तार किया गया। दुकान से 12वीं कक्षा की सामाजिक विज्ञान की कई नकली किताबें मिलीं, जिन पर NCERT अधिकारियों और दुकानदार के जाली हस्ताक्षर भी पाए गए।

प्रशांत गुप्ता और निशांत गुप्ता से पूछताछ के बाद, पुलिस ने हिरणकी इलाके में एक बड़े गोदाम पर छापा मारा। यह गोदाम कश्मीरी कॉलोनी के शिव एन्क्लेव में स्थित था। यहां से पुलिस ने करीब 1.7 लाख नकली NCERT किताबें बरामद कीं, जिनकी बाजार कीमत लगभग 2.4 करोड़ रुपये आंकी गई है। NCERT की टीम ने इन सभी किताबों को कॉपीराइट उल्लंघन के अंतर्गत अवैध घोषित किया।

पुलिसकर्मियों की संलिप्तता और कार्रवाई

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, दिल्ली पुलिस ने आंतरिक जांच शुरू की। जांच के दौरान, यह सामने आया कि शाहदरा जिले के एक पुलिसकर्मी की इस नकली किताब के धंधे में कथित संलिप्तता थी। नतीजतन, उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा, दो अन्य पुलिसकर्मियों की भूमिका पर भी संदेह है और उनके खिलाफ विस्तृत जांच की जा रही है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इन पुलिसकर्मियों ने इस अवैध व्यापार को संरक्षण दिया या उन्हें इसकी जानकारी थी और उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।

यह निलंबन और जांच इस बात का संकेत है कि पुलिस प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले रहा है और अपनी ही विभाग के अंदर की गड़बड़ियों को बर्दाश्त नहीं करेगा। यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब देश भर में नकली NCERT किताबों के कई बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ है, खासकर उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों में।

नकली किताबों का खतरा और शिक्षा पर असर

नकली किताबों का यह धंधा छात्रों के भविष्य और शिक्षा प्रणाली दोनों के लिए एक बड़ा खतरा है।

  • गुणवत्ता से समझौता: नकली किताबों में अक्सर गलतियां होती हैं और उनकी छपाई की गुणवत्ता भी खराब होती है, जिससे छात्रों को पढ़ने में मुश्किल होती है और गलत जानकारी मिलने का खतरा रहता है।
  • आर्थिक नुकसान: यह सरकार, NCERT और वास्तविक प्रकाशकों को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाता है।
  • परीक्षाओं में समस्या: गलत जानकारी वाली किताबें छात्रों को परीक्षाओं में खराब प्रदर्शन करने पर मजबूर कर सकती हैं।
  • नैतिकता का हनन: यह बच्चों को धोखाधड़ी और बेईमानी के बारे में गलत संदेश देता है।

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आगे की जांच और चुनौतियां

पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क की जड़ तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। इसमें प्रिंटिंग प्रेस, थोक विक्रेताओं और यहां तक कि कुछ शिक्षा संस्थानों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। पुलिस यह भी देख रही है कि क्या NCERT में किताबों की आपूर्ति में देरी या उनकी उपलब्धता की कमी जैसे मुद्दे भी इस पायरेसी को बढ़ावा दे रहे हैं।

यह मामला दिखाता है कि शिक्षा माफिया कितने बड़े पैमाने पर सक्रिय हैं और छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। पुलिस और संबंधित विभागों को इस तरह के गोरखधंधों पर लगाम लगाने के लिए और भी सख्त कदम उठाने होंगे और यह सुनिश्चित करना होगा कि बच्चों को सही और अच्छी गुणवत्ता वाली किताबें मिलें। इस घटना से यह भी साफ है कि पुलिस विभाग को अपनी आंतरिक शुचिता बनाए रखने के लिए लगातार निगरानी और सख्त कार्रवाई की जरूरत है।

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