पीएम स्वनिधि योजना- भारत सरकार की दूरदर्शी ‘प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि’ यानी पीएम स्वनिधि योजना (PM SVANidhi Yojana) आज 2025 में भी देश के शहरी और ग्रामीण इलाकों के लाखों रेहड़ी-पटरी वालों और छोटे दुकानदारों के लिए जीवनरेखा बनी हुई है। कोरोना महामारी के मुश्किल दौर में शुरू हुई यह योजना, अब आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में एक बड़ा उदाहरण बन चुकी है। इसने न केवल छोटे कारोबारियों को अपनी आजीविका फिर से शुरू करने में मदद की है, बल्कि उन्हें डिजिटल लेनदेन की दुनिया से भी जोड़ा है।
क्या है पीएम स्वनिधि योजना?
पीएम स्वनिधि योजना का मुख्य उद्देश्य रेहड़ी-पटरी वालों और छोटे विक्रेताओं को बिना किसी गारंटी के कार्यशील पूंजी (वर्किंग कैपिटल) ऋण (लोन) प्रदान करना है। ये वो लोग हैं जो सड़कों पर ठेले लगाते हैं, सब्जियां बेचते हैं, फल, चाय, कपड़े, मोची या अन्य छोटी-मोटी सेवाएं प्रदान करते हैं। यह योजना उन्हें बैंकों से आसानी से लोन दिलाने में मदद करती है, ताकि वे अपने छोटे व्यवसाय को फिर से खड़ा कर सकें या उसका विस्तार कर सकें।
- छोटे ऋण, बड़ी मदद: इस योजना के तहत पहली बार ₹10,000 तक का लोन मिलता है। अगर कोई विक्रेता समय पर यह लोन चुका देता है, तो उसे दूसरी बार ₹20,000 तक का लोन मिल सकता है। और यदि दूसरा लोन भी समय पर चुका दिया जाए, तो तीसरी बार ₹50,000 तक का बड़ा लोन लेने का मौका मिलता है।
- ब्याज पर सब्सिडी: इस योजना की एक और बड़ी खासियत यह है कि जो विक्रेता नियमित रूप से अपने लोन की किस्तें चुकाते हैं, उन्हें ब्याज में 7% की सब्सिडी (छूट) मिलती है। यह सब्सिडी सीधे उनके बैंक खाते में जमा कर दी जाती है।
- डिजिटल प्रोत्साहन: यह योजना डिजिटल लेनदेन को भी बढ़ावा देती है। जो विक्रेता डिजिटल माध्यमों (जैसे UPI, QR कोड) से लेनदेन करते हैं, उन्हें हर महीने कुछ निश्चित प्रोत्साहन राशि भी मिलती है।
2025 तक की उपलब्धियां: लाखों को मिला नया जीवन
पीएम स्वनिधि योजना ने पिछले कुछ सालों में उम्मीद से कहीं ज्यादा सफलता हासिल की है। जुलाई 2025 तक, इस योजना के तहत करोड़ों लोन मंजूर किए जा चुके हैं, जिनसे लाखों रेहड़ी-पटरी वालों और उनके परिवारों को सीधा लाभ मिला है।
- व्यापक पहुंच: यह योजना अब सिर्फ शहरी क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के विक्रेताओं तक भी पहुंच गई है, जिससे एक बड़े वर्ग को वित्तीय सहायता मिली है।
- आत्मनिर्भरता की नई कहानी: इस योजना ने लाखों विक्रेताओं को साहूकारों के ऊंचे ब्याज वाले कर्ज से मुक्ति दिलाई है। अब वे अपने व्यवसाय को खुद के दम पर आगे बढ़ा रहे हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि हुई है और जीवन स्तर बेहतर हुआ है।
- डिजिटल क्रांति: यह योजना छोटे से छोटे विक्रेता को भी डिजिटल भुगतान की मुख्यधारा से जोड़ने में सफल रही है। अब आपको कई ठेले वाले QR कोड स्कैन करने की सुविधा देते मिल जाएंगे, जो एक बड़ा बदलाव है।
योजना के मुख्य लाभ:
- आसान और सस्ता लोन: बिना किसी गारंटी के बैंक से लोन मिलना बहुत मुश्किल होता है, लेकिन पीएम स्वनिधि ने इसे आसान बना दिया है। साथ ही, ब्याज सब्सिडी इसे और भी किफायती बनाती है।
- आजीविका की बहाली और विस्तार: महामारी के दौरान जिन विक्रेताओं का काम रुक गया था, उन्हें इस योजना से नई शुरुआत करने का मौका मिला। वहीं, जिनके पास पूंजी नहीं थी, वे अपने व्यवसाय को बढ़ा पाए।
- वित्तीय समावेशन: इस योजना ने रेहड़ी-पटरी वालों को औपचारिक बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा है, जिससे वे भविष्य में अन्य वित्तीय उत्पादों का भी लाभ ले सकते हैं और उनकी क्रेडिट हिस्ट्री बनती है।
- डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा: प्रोत्साहन के माध्यम से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिला है, जिससे पारदर्शिता बढ़ी है और कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर देश आगे बढ़ रहा है।
कौन ले सकता है इसका लाभ? (पात्रता)
- वे सभी स्ट्रीट वेंडर्स/रेहड़ी-पटरी वाले जो शहरी, अर्ध-शहरी या ग्रामीण क्षेत्रों में वेंडिंग कर रहे हैं।
- उनका वेंडिंग सर्टिफिकेट या पहचान पत्र (LoR) होना चाहिए, जो शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) द्वारा जारी किया गया हो।
- जिनका वेंडिंग सर्टिफिकेट नहीं है, उन्हें सर्वे लिस्ट में नाम होने या ULB द्वारा सिफारिश पत्र (Letter of Recommendation) मिलने पर भी लाभ मिल सकता है।
कैसे करें आवेदन?
पीएम स्वनिधि योजना के लिए आवेदन करना अब काफी आसान हो गया है:
- ऑनलाइन पोर्टल: लाभार्थी पीएम स्वनिधि की आधिकारिक वेबसाइट (pmsvanidhi.mohua.gov.in) पर जाकर सीधे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
- कॉमन सर्विस सेंटर (CSC): देश भर में फैले कॉमन सर्विस सेंटरों पर जाकर भी आवेदन किया जा सकता है।
- बैंक/NBFC/MFI: अपने क्षेत्र में संबंधित बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) या सूक्ष्म वित्त संस्थानों (MFIs) के प्रतिनिधियों से संपर्क करके भी आवेदन प्रक्रिया पूरी की जा सकती है।
- दस्तावेज: आवेदन के लिए आधार कार्ड, बैंक पासबुक, मोबाइल नंबर और वेंडिंग सर्टिफिकेट/LoR जैसे बुनियादी दस्तावेजों की जरूरत होती है।
निष्कर्ष:
पीएम स्वनिधि योजना 2025 में भी भारत के आर्थिक विकास की जमीनी हकीकत को बदल रही है। इसने न केवल लाखों छोटे व्यापारियों को संकट से उबारा है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भरता की राह पर चलने का अवसर भी दिया है। यह योजना दिखाती है कि कैसे छोटे से समर्थन से भी एक बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को साकार करने और देश के हर नागरिक को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।