तेलंगाना सरकार की क्रांतिकारी पहल – सरकारी स्कूलों में मिलेगी मुफ्त NEET और JEE कोचिंग

तेलंगाना सरकार ने एक सराहनीय पहल करते हुए राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को NEET और JEE जैसी बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाने के लिए देश के कुछ प्रमुख गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) के साथ साझेदारी की है। इस कदम का मकसद है ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को भी मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसे प्रोफेशनल कोर्सेस के लिए बराबरी का मौका देना।

गुणवत्तापूर्ण कोचिंग अब स्कूल में ही

अब तक NEET और JEE जैसी परीक्षाओं की तैयारी के लिए छात्रों को महंगी कोचिंग संस्थानों का सहारा लेना पड़ता था, जो हर किसी के बस की बात नहीं होती। लेकिन अब तेलंगाना सरकार की इस योजना के तहत राज्य के चुनिंदा मॉडल स्कूलों और आवासीय विद्यालयों में ही कोचिंग उपलब्ध कराई जाएगी। छात्रों को अलग से कहीं जाने की जरूरत नहीं होगी।

यह कोचिंग न सिर्फ मुफ्त होगी, बल्कि इसे प्रशिक्षित और अनुभवी शिक्षकों के द्वारा दिया जाएगा, जो कि संबंधित NGO से जुड़े होंगे। इन शिक्षकों को प्रतियोगी परीक्षाओं का अच्छा अनुभव है और उन्होंने पहले भी कई छात्रों को सफलता दिलवाई है।

सरकार और समाज का संयुक्त प्रयास

तेलंगाना सरकार का मानना है कि शिक्षा के क्षेत्र में सरकार और समाज दोनों की जिम्मेदारी है। इसलिए इस योजना में सरकारी संसाधनों के साथ-साथ सामाजिक संगठनों की विशेषज्ञता का उपयोग किया जा रहा है। यह एक तरह का पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल है, जिसमें छात्रों को सीधा लाभ मिलेगा।

तेलंगाना के शिक्षा मंत्री सबिता इंद्रा रेड्डी ने कहा, “हम चाहते हैं कि हमारे सरकारी स्कूलों के बच्चे भी डॉक्टर और इंजीनियर बनें। इस पहल से ग्रामीण और पिछड़े इलाकों के छात्र-छात्राओं को नई दिशा मिलेगी।”

कैसे होगा चयन?

इस योजना के तहत सबसे पहले उन सरकारी स्कूलों की पहचान की गई है जहाँ पढ़ाई का स्तर बेहतर है और छात्र विज्ञान विषयों में रुचि रखते हैं। 9वीं से 12वीं कक्षा के मेधावी छात्रों को पहचान कर उन्हें इस कोचिंग में शामिल किया जाएगा। इसके लिए एक मूल्यांकन परीक्षा भी आयोजित की जाएगी।

छात्रों को हर दिन कुछ घंटे अलग से इन परीक्षाओं के सिलेबस के अनुसार पढ़ाया जाएगा। साथ ही, मॉक टेस्ट, प्रैक्टिस पेपर और डाउट-क्लियरिंग सेशन भी नियमित रूप से आयोजित किए जाएंगे।

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छात्रों और अभिभावकों में खुशी

इस योजना से छात्रों और उनके माता-पिता में काफी उत्साह देखा जा रहा है। करीमनगर की रहने वाली सीमा यादव, जिनका बेटा एक सरकारी स्कूल में 10वीं में पढ़ता है, ने कहा, “हम निजी कोचिंग का खर्च नहीं उठा सकते थे। अब सरकार की मदद से मेरे बेटे का सपना डॉक्टर बनने का साकार हो सकता है।”

छात्र भी अब ज्यादा आत्मविश्वास से पढ़ाई कर रहे हैं। उन्हें लग रहा है कि उनके पास भी वही अवसर हैं जो बड़े शहरों के छात्रों को मिलते हैं।

भविष्य की योजना

तेलंगाना सरकार की योजना है कि अगर यह मॉडल सफल होता है, तो आने वाले समय में इसे राज्य के सभी जिलों में लागू किया जाएगा। साथ ही, अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे CUET, SSC, और पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षा के लिए भी इसी तरह की कोचिंग शुरू की जाएगी।

सरकार का मानना है कि शिक्षा के माध्यम से ही सामाजिक बदलाव लाया जा सकता है और यह पहल उसी दिशा में एक मजबूत कदम है।

निष्कर्ष:


तेलंगाना सरकार और सामाजिक संगठनों की यह साझेदारी एक बेहतरीन उदाहरण है कि अगर इच्छाशक्ति हो, तो बदलाव लाना संभव है। इस योजना से न सिर्फ छात्रों को फायदा होगा, बल्कि समाज में शिक्षा को लेकर नई जागरूकता भी फैलेगी।

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