93 वर्षीय व्यक्ति- प्यार की कोई उम्र नहीं होती — और इसका सबसे सुंदर उदाहरण हाल ही में एक 93 वर्षीय बुज़ुर्ग व्यक्ति ने दिया, जब वह अपनी पत्नी की शादी की सालगिरह के मौके पर उसके लिए एक खास तोहफा खरीदने पहुंचे। यह घटना ना सिर्फ उनके प्यार को दर्शाती है, बल्कि एक आभूषण की दुकान द्वारा दिखाए गए मानवीय व्यवहार ने भी सभी का दिल जीत लिया।
उम्र भले बढ़ी हो, पर दिल आज भी जवां है
93 वर्षीय हरिनारायण वर्मा, जो दिल्ली के जनकपुरी इलाके में रहते हैं, अपनी पत्नी सावित्री देवी के साथ 70 साल से वैवाहिक जीवन बिता रहे हैं। शादी की 70वीं सालगिरह पर वह कुछ खास करना चाहते थे, इसलिए वह एक आभूषण की दुकान पर पहुंचे और अपनी पत्नी के लिए एक सोने की अंगूठी खरीदने की इच्छा जताई।
हरिनारायण जी लाठी के सहारे चल रहे थे, पर उनके चेहरे पर उत्साह और आंखों में चमक थी। उन्होंने दुकान पर पहुंचकर कहा, “मैं अपनी अर्धांगिनी के लिए एक ऐसी अंगूठी खरीदना चाहता हूं, जिसे पहनते समय उसे हमारी पहली मुलाकात याद आ जाए।”
दुकान वालों का दिल जीतने वाला व्यवहार
जब वह दुकान पर पहुंचे, तो वहां मौजूद कर्मचारियों ने उनका दिल से स्वागत किया। एक ग्राहक की तरह नहीं, बल्कि परिवार के सदस्य की तरह उनका सम्मान किया। उन्होंने बुज़ुर्ग दंपत्ति को बैठाया, पानी पिलाया और उनकी बातों को ध्यान से सुना।
दुकान के मालिक अमित खन्ना बताते हैं, “हमने जब उनकी बात सुनी, तो हमारी आंखें नम हो गईं। आज के समय में ऐसा प्यार बहुत कम देखने को मिलता है। हमने तय किया कि उन्हें सिर्फ एक ग्राहक की तरह नहीं, बल्कि प्यार के प्रतीक के रूप में सेवा देंगे।”
अमित जी ने बताया कि उन्होंने अंगूठी पर विशेष छूट दी और उस पर “सावित्री के नाम” खुदवाने का काम भी मुफ्त में किया।
प्यार की सबसे कीमती निशानी
हरिनारायण जी ने जिस अंगूठी को चुना, वह एक बेहद साधारण लेकिन खूबसूरत सोने की अंगूठी थी, जिस पर “हमेशा तुम्हारा” खुदा हुआ था। जब उन्होंने पत्नी को अंगूठी पहनाई, तो सावित्री देवी की आंखों में आंसू थे।
उन्होंने धीमी आवाज़ में कहा, “70 साल हो गए, पर हरिनारायण जी ने आज फिर से मुझे दुल्हन जैसा महसूस कराया।”
वह पल इतना भावुक था कि दुकान में मौजूद सभी लोग रुक गए और तालियों की गूंज से माहौल भर गया।
सोशल मीडिया पर वायरल हुई कहानी
इस घटना का एक छोटा सा वीडियो किसी ग्राहक ने बना लिया और सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। देखते ही देखते यह वीडियो वायरल हो गया। लोगों ने इस बुज़ुर्ग दंपत्ति के प्यार को “सच्चा और शुद्ध” बताया।
एक यूज़र ने लिखा, “आज के समय में जब रिश्ते जल्दी टूट जाते हैं, हरिनारायण जी और सावित्री जी जैसे लोग उम्मीद की किरण हैं।”
एक सीख देने वाली घटना
यह कहानी सिर्फ एक शादी की सालगिरह या सोने की अंगूठी की नहीं है, बल्कि यह प्यार, सम्मान और मानवीय व्यवहार की मिसाल है। यह हमें सिखाती है कि रिश्तों में छोटे-छोटे इशारे भी जीवन भर की मिठास घोल सकते हैं।
दूसरी ओर, आभूषण दुकान द्वारा दिखाई गई संवेदनशीलता भी एक उदाहरण है कि कैसे व्यवसाय के साथ-साथ इंसानियत निभाई जा सकती है।
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निष्कर्ष
93 साल के हरिनारायण वर्मा और उनकी पत्नी सावित्री देवी की यह कहानी एक ऐसे दौर की याद दिलाती है, जब रिश्ते सच्चे दिल से निभाए जाते थे। और साथ ही हमें ये भी दिखाती है कि आज भी इंसानियत ज़िंदा है, बस ज़रूरत है उसे देखने की।