प्रधानमंत्री फसल बीमा – भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहां की बड़ी आबादी अपनी आजीविका के लिए खेती पर निर्भर करती है। लेकिन, हमारे किसान अक्सर प्रकृति की मार झेलते हैं। कभी सूखा, तो कभी बाढ़, कभी ओलावृष्टि, तो कभी कीटों का हमला – इन सब से फसलें बर्बाद हो जाती हैं और किसान कर्ज के बोझ तले दब जाते हैं। इसी समस्या से निपटने और किसानों को आर्थिक सुरक्षा देने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) की शुरुआत की है।
क्या है यह योजना?
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 13 फरवरी 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना है। इसका मुख्य मकसद प्राकृतिक आपदाओं, कीटों और बीमारियों के कारण फसल को होने वाले नुकसान से किसानों को बचाना और उन्हें आर्थिक मदद देना है। यह योजना किसानों को स्थिर आय सुनिश्चित करके कृषि क्षेत्र में उनकी निरंतरता बनाए रखने में मदद करती है। पहले की राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (NAIS) और संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (MNAIS) की जगह इस योजना को लाया गया है, ताकि यह और भी ज़्यादा प्रभावी और कुशल बन सके।
योजना के फायदे:
यह योजना किसानों के लिए एक सच्चा सुरक्षा कवच है, जिसके कई महत्वपूर्ण फायदे हैं:
- कम प्रीमियम, बड़ा कवरेज: इस योजना में किसानों को बहुत कम प्रीमियम देना पड़ता है। खरीफ फसलों के लिए केवल 2% प्रीमियम, रबी फसलों के लिए 1.5% प्रीमियम और वाणिज्यिक या बागवानी फसलों के लिए 5% प्रीमियम देना होता है। बाकी का प्रीमियम सरकार वहन करती है, जिससे किसानों पर बोझ कम होता है।
- व्यापक कवरेज: यह योजना सिर्फ सूखा या बाढ़ तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ओलावृष्टि, कीटों के हमले, तूफान, प्राकृतिक आग, और यहां तक कि बुवाई न होने की स्थिति में भी किसानों को सुरक्षा प्रदान करती है।
- आय में स्थिरता: फसल खराब होने पर किसानों को मिलने वाला मुआवजा उनकी आय को स्थिर बनाए रखने में मदद करता है, जिससे वे अगली फसल की बुवाई के लिए तैयार रह पाते हैं।
- आत्मनिर्भरता और प्रोत्साहन: इस योजना से किसान आत्मनिर्भर बनते हैं और उन्हें खेती करने के लिए प्रोत्साहन मिलता है। उन्हें पता होता है कि अगर किसी आपदा के कारण फसल खराब हो गई, तो सरकार उनके साथ खड़ी है।
- नई तकनीक का उपयोग: यह योजना किसानों को आधुनिक कृषि पद्धतियों और तकनीकों को अपनाने के लिए भी प्रेरित करती है, क्योंकि उन्हें पता होता है कि नुकसान होने पर भी उन्हें बीमा का लाभ मिलेगा।
कौन ले सकता है लाभ?
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ सभी किसान ले सकते हैं, चाहे वे छोटे हों, सीमांत हों या बड़े किसान हों। इसमें किराएदार किसान और बटाईदार किसान भी शामिल हैं, जो अधिसूचित क्षेत्रों में अधिसूचित फसलें उगाते हैं। जो किसान फसल ऋण या किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) खाते के माध्यम से अधिसूचित फसलें उगाते हैं, उनके लिए यह योजना स्वैच्छिक है। इसके अलावा, ऐसे गैर-ऋणी किसान भी इसमें शामिल हो सकते हैं जिनकी अधिसूचित फसलों में बीमित रुचि है।
आवेदन कैसे करें और क्या चाहिए कागजात?
इस योजना के लिए आवेदन करना काफी आसान है। किसान अपनी नजदीकी बैंक शाखा, कॉमन सर्विस सेंटर (CSC), या बीमा कंपनी के अधिकृत चैनल पार्टनर के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के आधिकारिक पोर्टल (pmfby.gov.in) पर भी ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।
आवेदन के लिए कुछ ज़रूरी कागजात हैं:
- पहचान प्रमाण: आधार कार्ड
- जमीन के कागजात: खसरा नंबर या भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र (Record of Right – RoR, Land Possession Certificate – LPC)
- बैंक पासबुक: जिसमें किसान का नाम, खाता संख्या और IFSC कोड साफ-साफ लिखा हो।
- फसल बुवाई का प्रमाण पत्र: (यदि राज्य सरकार द्वारा अनिवार्य हो)
- किसान की पासपोर्ट साइज फोटो
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दावा कैसे करें?
फसल खराब होने की स्थिति में, किसान को घटना के 72 घंटे के भीतर बीमा कंपनी को सूचित करना होता है। इसके लिए किसान फसल बीमा ऐप, बीमा कंपनी की वेबसाइट, टोल-फ्री नंबर (जैसे 1800-209-5959) या कृषि रक्षक पोर्टल (हेल्पलाइन 14447) का इस्तेमाल कर सकते हैं। सूचना मिलने के बाद, बीमा कंपनी नुकसान का आकलन करेगी और मुआवजा सीधे किसान के बैंक खाते में भेज दिया जाएगा। आधुनिक तकनीकों जैसे सैटेलाइट इमेज, ड्रोन और मोबाइल ऐप का उपयोग करके नुकसान का सही आकलन किया जाता है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना वाकई हमारे अन्नदाताओं के लिए एक बड़ा सहारा है। यह न सिर्फ उन्हें आर्थिक सुरक्षा देती है, बल्कि खेती को एक स्थायी और लाभदायक व्यवसाय बनाने में भी मदद करती है। इस योजना का मकसद किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और कृषि उत्पादन में निरंतरता बनाए रखना है।