प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत मुफ्त राशन का लाभ उठा रहे करोड़ों राशनकार्ड धारकों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर है। केंद्र सरकार ने वर्ष 2025 के लिए इस योजना के तहत वितरित किए जाने वाले गेहूं की मात्रा में कुछ अहम बदलाव किए हैं। यह बदलाव देशभर में गेहूं की उपलब्धता, उसके रिकॉर्ड उत्पादन और खपत के संतुलन को बनाए रखने के लिए किया गया है, जिसका सीधा असर लाभार्थियों को मिलने वाले राशन पर पड़ेगा।
क्या है PMGKAY और इसमें क्या बदलाव हुआ है?
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना एक ऐतिहासिक पहल है जिसे COVID-19 महामारी के दौरान गरीब और जरूरतमंद परिवारों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए मार्च 2020 में शुरू किया गया था। इस योजना के तहत, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के अंतर्गत आने वाले लगभग 81.35 करोड़ लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलोग्राम मुफ्त खाद्यान्न (गेहूं या चावल) मिलता है। यह खाद्यान्न उन्हें सामान्य सब्सिडी वाले राशन के अतिरिक्त दिया जाता है। सरकार ने इस योजना को 1 जनवरी 2024 से अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ा दिया है, जिससे गरीबों को लंबी अवधि तक खाद्य सुरक्षा मिलती रहेगी।
गेहूं की मात्रा में बदलाव और वर्तमान स्थिति (2025):
हालिया जानकारी के अनुसार, सरकार ने अक्टूबर 2024 से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत गेहूं के आवंटन को आंशिक रूप से बहाल किया है और यह व्यवस्था 2025 में भी जारी है। मई 2022 में, सरकार ने घरेलू उत्पादन में कमी और उपलब्धता के कारण कुछ राज्यों में गेहूं का आवंटन कम कर दिया था और उसकी जगह चावल का आवंटन बढ़ाया था। अब, देश में गेहूं की पर्याप्त उपलब्धता और रिकॉर्ड खरीद को देखते हुए, सरकार ने एक बार फिर से गेहूं के आवंटन को बढ़ाने का फैसला किया है।
- रिकॉर्ड खरीद: 2025-26 के रबी विपणन सीजन में अब तक (जून 2025 तक) गेहूं की खरीद 30 मिलियन टन (300 लाख टन) को पार कर गई है, जो एक नया रिकॉर्ड है। इससे सरकार के पास गेहूं का पर्याप्त स्टॉक है।
- अतिरिक्त आवंटन जारी: अक्टूबर 2024 से मार्च 2025 तक की अवधि के लिए 3.5 मिलियन टन (35 लाख टन) अतिरिक्त गेहूं का आवंटन किया गया था, और यह वृद्धि 2025 में भी जारी रहने की उम्मीद है। यह NFSA के तहत मौजूदा वार्षिक आवंटन (जो लगभग 18.4 मिलियन टन है) के अतिरिक्त होगा।
- इसका मतलब है कि जिन लाभार्थियों को पहले केवल चावल मिल रहा था, उन्हें अब गेहूं भी मिलेगा, जिससे उन्हें अपनी पसंद का अनाज चुनने में सुविधा होगी।
- खाद्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया है कि मजबूत गेहूं खरीद के चलते 2025-26 में PM-GKAY के तहत गेहूं-चावल वितरण अनुपात को बनाए रखने का भरोसा है।
यह बदलाव क्यों किया गया?
यह बदलाव मुख्य रूप से देश में गेहूं की पर्याप्त उपलब्धता और खुले बाजार में कीमतों को स्थिर करने के उद्देश्य से किया गया है। रिकॉर्ड उत्पादन और खरीद के कारण सरकार के पास पर्याप्त गेहूं का स्टॉक है। इस कदम से बाजार में गेहूं और गेहूं उत्पादों की कीमतों को स्थिर रखने में मदद मिलेगी और लाभार्थियों को उनकी पसंद के अनुसार अनाज मिल पाएगा।
राशनकार्ड धारकों के लिए क्या मायने हैं?
इस बदलाव का सीधा मतलब यह है कि राशनकार्ड धारकों को अब मुफ्त राशन के तहत गेहूं की बेहतर मात्रा मिल सकेगी। यह उन परिवारों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगा जहां गेहूं का सेवन अधिक होता है। पहले जहां कई जगहों पर गेहूं की कमी के कारण केवल चावल दिया जा रहा था, अब यह स्थिति सुधरेगी और लाभार्थियों को संतुलित मात्रा में दोनों अनाज उपलब्ध होंगे।
योजना के अन्य महत्वपूर्ण लाभ:
PMGKAY के तहत मुफ्त राशन के अलावा, सरकार वन नेशन वन राशन कार्ड
(ONORC) जैसी पहल भी चला रही है, जिससे प्रवासी श्रमिक देश में कहीं से भी अपना राशन प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, कई राज्यों में राशन कार्ड धारकों को दाल, चीनी, नमक और तेल जैसी अन्य आवश्यक वस्तुएं भी सब्सिडी दरों पर उपलब्ध कराई जा रही हैं।
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निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना 2025 गरीबों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। गेहूं की मात्रा में किया गया यह बदलाव देश में खाद्य सुरक्षा को और मजबूत करेगा और करोड़ों लाभार्थियों को उनकी पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा। राशनकार्ड धारकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने स्थानीय जन वितरण प्रणाली (PDS) दुकानों से नवीनतम जानकारी प्राप्त करें ताकि उन्हें सही मात्रा में राशन मिल सके और वे इस योजना का पूरा लाभ उठा सकें।