अनिल अंबानी – नई दिल्ली: अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर (Reliance Infrastructure) के लिए आज का दिन शानदार रहा। कंपनी के शेयरों में बुधवार को 5% का अपर सर्किट लग गया, जिसके पीछे जर्मनी से मिला ₹600 करोड़ का एक बड़ा निर्यात ऑर्डर है। इस खबर के बाद से निवेशकों में उत्साह देखा गया और शेयरों में जबरदस्त तेजी आई।
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की सहायक कंपनी रिलायंस डिफेंस लिमिटेड (Reliance Defence Limited) को जर्मनी की मशहूर रक्षा और गोला-बारूद बनाने वाली कंपनी राइनमेटल वेफे म्यूनिशन जीएमबीएच (Rheinmetall Waffe Munition GmbH) से यह बड़ा ऑर्डर मिला है। कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में बताया कि यह आधुनिक गोला-बारूद के क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा निर्यात ऑर्डर है। यह डील भारत के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
शेयरों में आया उछाल
इस खबर के सामने आते ही बुधवार को रिलायंस इंफ्रा के शेयरों में तेजी आ गई। शुरुआती कारोबार में मामूली बढ़त के बाद, दोपहर तक शेयरों में 5% का अपर सर्किट लग गया और यह ₹404.05 के स्तर पर बंद हुआ। कंपनी का मार्केट कैप बढ़कर ₹16,029.45 करोड़ हो गया है, जो निवेशकों के बढ़ते भरोसे को दिखाता है। पिछले एक महीने में इस शेयर ने करीब 37.71% का उछाल दिखाया है, जबकि पिछले तीन महीनों में यह 64% से ज़्यादा चढ़ा है। एक साल में इस शेयर ने अपने निवेशकों को 90% से ज़्यादा का रिटर्न दिया है, और तो और, पिछले पांच सालों में इसने 1050% से ज़्यादा का शानदार रिटर्न दिया है।
रक्षा क्षेत्र में बड़ी छलांग
यह ऑर्डर रिलायंस डिफेंस के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। कंपनी ने बताया कि इस डील से भारत को वैश्विक रक्षा आपूर्ति में एक भरोसेमंद नाम बनाने में मदद मिलेगी। रिलायंस डिफेंस का लक्ष्य भारत के शीर्ष तीन रक्षा निर्यातकों में शामिल होना है। अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (ADAG) का डिफेंस सेक्टर पर खास फोकस रहा है, और यह नया ऑर्डर उनकी इस रणनीति का ही नतीजा है।
कंपनी महाराष्ट्र के रत्नागिरी में धीरूभाई अंबानी डिफेंस सिटी (DADC) के तहत एक इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी भी तैयार कर रही है। यह ‘ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट’ (बिल्कुल नए सिरे से शुरू होने वाला प्रोजेक्ट) भारत के निजी रक्षा क्षेत्र में सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक होगा। इससे पहले भी, रिलायंस डिफेंस ने इसी महीने की शुरुआत में जर्मन हथियार निर्माता डाइहल डिफेंस (Diehl Defence) के साथ अगली पीढ़ी के आर्टिलरी शेल्स के उत्पादन के लिए एक समझौता किया था। राइनमेटल के साथ भी कंपनी की पहले से साझेदारी थी, और यह नया ऑर्डर उस साझेदारी को और मजबूत करेगा।
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निवेशकों का भरोसा बढ़ा
इस बड़े ऑर्डर से अनिल अंबानी की कंपनियों में निवेशकों का भरोसा और बढ़ा है। विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) भी कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रहे हैं। मार्च 2025 तिमाही में FIIs ने अपनी हिस्सेदारी 9% से बढ़ाकर 11.35% कर दी है। यह सब संकेत देता है कि कंपनी बेहतर प्रदर्शन कर रही है और आने वाले समय में भी इसके अच्छे दिन जारी रह सकते हैं।
कुल मिलाकर, जर्मनी से मिला यह ₹600 करोड़ का निर्यात ऑर्डर रिलायंस इंफ्रा के लिए एक बड़ी जीत है, जिसने न केवल कंपनी के शेयरों में जान डाल दी है, बल्कि भारत के रक्षा निर्माण क्षेत्र में भी एक नई उम्मीद जगाई है।