मुकेश अंबानी- भारत के सबसे बड़े कारोबारी समूह रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने एक बार फिर बड़ा रणनीतिक दांव खेला है। कंपनी अपने तेजी से बढ़ते फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG) बिजनेस को रिलायंस रिटेल से अलग कर एक नई, स्वतंत्र इकाई के रूप में स्थापित करने जा रही है। इस नई इकाई, जिसे न्यू रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (New RCPL) कहा जाएगा, के भविष्य में IPO (आरंभिक सार्वजनिक पेशकश) लाने की भी तैयारी है। यह कदम न केवल रिलायंस के FMCG कारोबार को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा, बल्कि निवेशकों के लिए मुनाफे का एक नया और बड़ा रास्ता भी खोलेगा।
क्यों लिया गया यह बड़ा फैसला?
मुकेश अंबानी- रिलायंस का FMCG बिजनेस पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ा है, जिसमें ‘कैम्पा कोला’ (Campa Cola), ‘इंडिपेंडेंस’ (Independence) जैसे अपने ब्रांड्स के साथ-साथ ‘सोस्यो’ (Sosyo) और ‘रावलगांव’ (Ravalgaon) जैसे कई अधिग्रहण शामिल हैं। इस विस्तार के साथ, कंपनी को लगा कि FMCG बिजनेस को एक अलग पहचान और फोकस की जरूरत है।
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने हाल ही में रिलायंस की इस पुनर्गठन योजना को मंजूरी दी है। यह बदलाव कई बड़े उद्देश्यों को पूरा करेगा:
- विशेषज्ञता और फोकस: FMCG एक ऐसा सेक्टर है जिसमें कड़ी प्रतिस्पर्धा और ग्राहकों की बदलती पसंद पर लगातार ध्यान देना होता है। इसे रिटेल बिजनेस से अलग करने से FMCG टीम पूरी तरह से अपने उत्पादों के विकास, मार्केटिंग और वितरण पर ध्यान केंद्रित कर पाएगी।
- निवेशकों के लिए स्पष्टता: जब कोई कंपनी एक ही इकाई के तहत कई अलग-अलग बिजनेस चलाती है, तो निवेशकों के लिए प्रत्येक वर्टिकल का सही मूल्य समझना मुश्किल हो जाता है। FMCG बिजनेस को अलग करने से निवेशकों को यह समझने में आसानी होगी कि वे किस हिस्से में निवेश कर रहे हैं, जिससे भविष्य में IPO के लिए बेहतर मूल्यांकन मिल सकेगा।
- पूंजी जुटाने में आसानी: NCLT में दायर याचिका में रिलायंस ने बताया था कि FMCG बिजनेस को बड़े पैमाने पर पूंजी निवेश की आवश्यकता होगी। एक स्वतंत्र इकाई के रूप में यह निवेशकों के एक विशिष्ट समूह को आकर्षित कर सकती है, जो केवल FMCG क्षेत्र में निवेश करने में रुचि रखते हैं।
- खुदरा IPO का मार्ग प्रशस्त: इस कदम से रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (RRVL) के लिए भविष्य में संभावित IPO की राह भी आसान होगी। FMCG ऑपरेशंस को अलग करने से रिटेल इकाई का मूल्यांकन अधिक स्पष्ट और प्रीमियम हो सकेगा, क्योंकि अब उसका फोकस केवल खुदरा व्यापार पर होगा।
क्या होगा नया ढांचा?
यह पुनर्गठन एक जटिल प्रक्रिया है जो चार चरणों में होगी:
- शुरुआत में, रिलायंस रिटेल लिमिटेड (RRL) के FMCG ब्रांड्स को रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (RRVL) को हस्तांतरित किया जाएगा।
- फिर, मौजूदा रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (RCPL) का RRVL में विलय हो जाएगा।
- इसके बाद, यह संयुक्त उपभोक्ता ब्रांड व्यवसाय RRVL से अलग होकर एक निष्क्रिय कंपनी ‘Tira Beauty Ltd’ में चला जाएगा।
- अंत में, Tira Beauty का नाम बदलकर New Reliance Consumer Products (New RCPL) कर दिया जाएगा, और यह रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) की सीधी सहायक कंपनी के रूप में काम करेगी।
FMCG पोर्टफोलियो और विस्तार की रणनीति:
रिलायंस का FMCG कारोबार FY25 में ₹11,500 करोड़ का रहा है। New RCPL के तहत अब 15 से अधिक ब्रांड्स होंगे, जिनमें प्रमुख रूप से पेय पदार्थ (कैम्पा कोला, सोस्यो), पैकेज्ड ग्रोसरी (इंडिपेंडेंस), मिठाई (रावलगांव) और पर्सनल केयर उत्पाद शामिल हैं।
कंपनी की रणनीति साफ है: प्रतिस्पर्धियों की तुलना में 20-40% कम कीमत पर उत्पाद पेश करना और वितरकों को बेहतर मार्जिन देना। इसका लक्ष्य मार्च 2027 तक पूरे देश में अपने FMCG ऑपरेशंस का विस्तार करना है, ताकि 60 करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं तक पहुंच बनाई जा सके। हाल ही में कैम्पा कोला ने कुछ क्षेत्रों में दोहरे अंकों की बाजार हिस्सेदारी हासिल करके अपनी बढ़ती पकड़ का संकेत दिया है।
निवेशकों के लिए क्यों है यह मुनाफे का रास्ता?
मुकेश अंबानी ने पहले ही Jio प्लेटफॉर्म्स और रिलायंस रिटेल वेंचर्स के लिए IPO लाने का संकेत दिया था। Jio प्लेटफॉर्म्स की तरह, New RCPL का IPO भी निवेशकों को भारत के तेजी से बढ़ते उपभोक्ता बाजार में सीधे निवेश करने का एक शानदार अवसर देगा। एक स्वतंत्र और केंद्रित FMCG इकाई का मूल्यांकन अधिक पारदर्शिता के साथ किया जा सकेगा, जिससे निवेशकों को इस सेगमेंट में निवेश का स्पष्ट मौका मिलेगा। यह कदम रिलायंस के लिए प्रत्येक बिजनेस वर्टिकल से अधिकतम मूल्य निकालने की अंबानी की दूरदर्शी रणनीति का हिस्सा है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि New RCPL बाजार में कैसे प्रदर्शन करती है और निवेशकों के लिए क्या नए अवसर लेकर आती है।