हिमाचल प्रदेश में बुधवार का दिन आफत बनकर आया। कुल्लू जिले में एक के बाद एक तीन बादल फटने की घटनाओं ने भयानक बाढ़ ला दी, जिससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इस प्राकृतिक आपदा में जहां तीन लोगों के लापता होने की खबर है, वहीं कई घर और गाड़ियां बह गई हैं। राज्य के दो मंत्री भी रास्ते में फंस गए, और एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग पूरी तरह से बंद हो गया है।
मिली जानकारी के अनुसार, बुधवार को कुल्लू जिले के सैंज घाटी (जीवा नाला और रेहला बिहाल), गड़सा (शिलागढ़) और सोलांग नाला इलाकों में बादल फटे। इन घटनाओं के बाद नदियों और नालों का जलस्तर अचानक बहुत तेज़ी से बढ़ गया, जिससे कई क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए। मणिकर्ण घाटी, मनाली और बंजार जैसे इलाकों में भी भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ ने तबाही मचाई है।
बाढ़ में फंसे मंत्री और ठप हुआ आवागमन
इस भीषण आपदा के कारण आवागमन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कुल्लू जिला मुख्यालय को जोड़ने वाला औट-लुहरी-सैंज राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-305) पूरी तरह से बंद हो गया है, जिससे वाहनों की आवाजाही ठप पड़ गई है। इसके अलावा, लाहौल-स्पीति जिले में भी काजा-समदोह और सिस्सू-केलोंग मार्ग भूस्खलन और मलबे के कारण अवरुद्ध हो गए हैं।
बंजार में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे राज्य के कृषि एवं पशुपालन मंत्री प्रोफेसर चंद्र कुमार और तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी भी सड़क बंद होने के कारण वहीं फंस गए। वे निर्धारित कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो पाए।
लापता और भारी नुकसान
कुल्लू के रेहला बिहाल (सैंज घाटी) में बाढ़ के पानी में तीन लोग बह गए, जिनकी तलाश की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ के तेज बहाव में चार घर पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं। इसके अलावा, कई अन्य घरों, एक स्कूल भवन, संपर्क सड़कों और छोटे पुलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। कसोल में एक पार्किंग स्थल में खड़ी 20 से अधिक गाड़ियां पानी के साथ बह गईं या बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। बंजार के होरनगाड़ में भी एक पुल बह गया, जिससे स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कुल्लू के अलावा, कांगड़ा जिले के धर्मशाला के पास भी बादल फटने और बाढ़ की खबरें हैं। यहां मनुनी खड्ड में अचानक आई बाढ़ में 15 से 20 मजदूरों के बह जाने की आशंका है, जिनमें से दो के शव बरामद किए गए हैं। ये मजदूर एक हाइड्रो प्रोजेक्ट साइट पर काम कर रहे थे।
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हिमाचल में प्रशासन अलर्ट पर, बचाव कार्य जारी
हिमाचल – आपदा के बाद स्थानीय प्रशासन और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें तुरंत बचाव कार्य में जुट गई हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) को भी अलर्ट पर रखा गया है। कुल्लू के अतिरिक्त उपायुक्त अश्विनी कुमार ने बताया कि लापता लोगों को ढूंढने और प्रभावित इलाकों तक पहुंचने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के लिए हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसमें कांगड़ा, मंडी, शिमला, सिरमौर, कुल्लू, हमीरपुर, सोलन और ऊना जिले शामिल हैं। प्रशासन ने लोगों से नदियों और नालों से दूर रहने, भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में न जाने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है। आपातकालीन स्थिति के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं। राज्य सरकार स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और प्रभावितों को हर संभव मदद पहुंचाने का आश्वासन दिया है। ब्यास और सतलुज जैसी प्रमुख नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है।
यह आपदा हिमाचल के पहाड़ी क्षेत्रों की संवेदनशीलता को एक बार फिर उजागर करती है, जहां भारी बारिश अक्सर भूस्खलन और बाढ़ का कारण बनती है।