आयुष्मान– भारत सरकार की महत्वाकांक्षी ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ (AB-PMJAY) आज भी देश के करोड़ों गरीब और वंचित परिवारों के लिए सबसे बड़ा स्वास्थ्य सुरक्षा कवच बनी हुई है। 2018 में शुरू हुई यह योजना, 2025 तक आते-आते दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी वित्त पोषित स्वास्थ्य बीमा योजना के रूप में अपनी पहचान और मजबूत कर चुकी है। यह योजना न केवल महंगे इलाज के बोझ से परिवारों को बचा रही है, बल्कि उन्हें गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच भी सुनिश्चित कर रही है।
क्या है आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY)?
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, जिसे आमतौर पर ‘आयुष्मान भारत’ या ‘PMJAY‘ के नाम से जाना जाता है, भारत सरकार की एक प्रमुख स्वास्थ्य पहल है। इसका मुख्य उद्देश्य गरीब और कमजोर परिवारों को गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है।
- ₹5 लाख का बीमा कवर: इस योजना के तहत, पात्र परिवारों को प्रति वर्ष प्रति परिवार ₹5 लाख तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा कवर मिलता है। यह राशि उन्हें सूचीबद्ध (empanelled) सरकारी और निजी अस्पतालों में सेकेंडरी (दूसरी श्रेणी) और टर्शियरी (तीसरी श्रेणी) स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मिलती है।
- कैशलेस इलाज: सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह पूरी तरह से कैशलेस योजना है। लाभार्थियों को अस्पताल में भर्ती होने, इलाज कराने या छुट्टी मिलने के दौरान कोई पैसा नहीं देना पड़ता। सभी खर्च सीधे योजना द्वारा कवर किए जाते हैं।
- बड़ी बीमारियों का इलाज: इसमें लगभग सभी गंभीर बीमारियां, जैसे दिल का दौरा, कैंसर, किडनी की बीमारियां, न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर और कई तरह के ऑपरेशन शामिल हैं।
2025 तक की उपलब्धियां: एक विशाल नेटवर्क
लॉन्च के बाद से, PMJAY ने अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। जुलाई 2025 तक आते-आते, योजना ने कई महत्वपूर्ण मील के पत्थर पार कर लिए हैं:
- करोड़ों लाभार्थी: अनुमान है कि 2025 तक, इस योजना ने 10.74 करोड़ से अधिक गरीब और कमजोर परिवारों (लगभग 50 करोड़ व्यक्तियों) को कवर किया है, और यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है।
- लाखों मुफ्त इलाज: अब तक लाखों की संख्या में लोगों ने इस योजना के तहत मुफ्त इलाज का लाभ उठाया है। कई परिवारों ने बताया है कि इस योजना ने उन्हें वित्तीय बर्बादी से बचाया है, क्योंकि गंभीर बीमारियों का इलाज अक्सर लाखों रुपये में होता है।
- हजारों अस्पताल जुड़े: देश भर में 28,000 से अधिक सरकारी और निजी अस्पताल PMJAY के तहत सूचीबद्ध हैं, जिससे लाभार्थियों को अपने घर के नजदीक ही इलाज की सुविधा मिल रही है।
- डिजिटल पहचान: ‘आयुष्मान कार्ड’ (पहले ई-कार्ड) के जरिए लाभार्थियों की पहचान आसानी से हो जाती है, जिससे इलाज की प्रक्रिया तेज और पारदर्शी बनती है।
कौन हैं इस योजना के लाभार्थी?
इस योजना के लिए पात्रता सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (SECC) 2011 के आंकड़ों के आधार पर तय की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में, वे परिवार पात्र हैं जो कुछ वंचितता मानदंडों (जैसे कच्चे मकान, कोई वयस्क सदस्य न हो, विकलांग सदस्य हो, भूमिहीन परिवार) को पूरा करते हैं। शहरी क्षेत्रों में, पात्रता व्यवसायों पर आधारित है (जैसे कचरा बीनने वाले, घरेलू कामगार, सफाई कर्मचारी, कारीगर, आदि)।
कैसे मिलता है मुफ्त इलाज?
इलाज प्राप्त करने की प्रक्रिया बहुत सरल है:
- आयुष्मान कार्ड: पात्र लाभार्थियों को एक ‘आयुष्मान कार्ड’ या ‘गोल्डन कार्ड’ दिया जाता है।
- अस्पताल जाएं: जब भी किसी परिवार के सदस्य को इलाज की जरूरत हो, तो वे योजना के तहत सूचीबद्ध किसी भी अस्पताल में जा सकते हैं।
- पहचान सत्यापन: अस्पताल में, लाभार्थी को अपना आयुष्मान कार्ड या आधार कार्ड दिखाकर अपनी पहचान सत्यापित करानी होगी।
- कैशलेस सेवा: एक बार पहचान सत्यापित होने के बाद, अस्पताल के कर्मचारी बाकी की प्रक्रिया संभालते हैं, और लाभार्थी को ₹5 लाख तक के इलाज के लिए कोई पैसा नहीं देना पड़ता।
PMJAY के दूरगामी फायदे:
यह योजना सिर्फ इलाज तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके कई दूरगामी सामाजिक और आर्थिक फायदे हैं:
- वित्तीय सुरक्षा: यह लाखों परिवारों को स्वास्थ्य आपातकाल के कारण गरीबी में धकेले जाने से बचाती है।
- स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच: ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों के लोगों को भी बेहतर गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच मिलती है।
- गरीबी में कमी: चिकित्सा खर्चों के कारण होने वाली ‘आउट-ऑफ-पॉकेट’ खर्चों में भारी कमी आती है, जिससे गरीबी कम होती है।
- महिला सशक्तिकरण: महिलाएं अक्सर परिवार के स्वास्थ्य निर्णयों में पीछे रह जाती थीं, लेकिन अब उन्हें भी बराबर का लाभ मिल रहा है।
स्वास्थ्य के अधिकार की ओर एक कदम:
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना वास्तव में ‘स्वास्थ्य के अधिकार’ की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सुनिश्चित करती है कि देश का कोई भी नागरिक, सिर्फ इसलिए अच्छे इलाज से वंचित न रहे क्योंकि वह इसे वहन नहीं कर सकता। 2025 तक यह योजना भारत के स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य का एक अभिन्न अंग बन चुकी है, जो न केवल इलाज प्रदान कर रही है बल्कि एक स्वस्थ और सशक्त भारत के निर्माण में भी योगदान दे रही है।