राजस्थान की राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। 15 अप्रैल 2025 को, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के कई ठिकानों पर छापेमारी की। ये छापेमारी देश के सबसे बड़े Ponzi स्कैम में से एक, ₹48,000 करोड़ के PACL घोटाले से जुड़ी हुई है।
इस खबर ने राजस्थान के साथ-साथ पूरे देश में तहलका मचा दिया है। आज हम विस्तार से समझेंगे कि ये मामला क्या है, छापेमारी के क्या मायने हैं, और राजनीति पर इसका क्या असर पड़ सकता है।
PACL स्कैम क्या है?
PACL यानी Pearl Agrotech Corporation Limited ने कई वर्षों तक देश भर से लोगों से पैसों की उगाही की। लोगों को झांसा दिया गया कि ये कंपनी जमीन खरीदने और बेचने में निवेश कर रही है और निवेशकों को बड़े मुनाफे का वादा किया गया था।
लेकिन बाद में पता चला कि ये एक बड़ा Ponzi स्कैम था — यानी नए निवेशकों के पैसे से पुराने निवेशकों को भुगतान किया जा रहा था, जबकि कोई असली कारोबार नहीं था। लाखों लोग इस घोटाले में फंसे, और कई ने अपनी सारी जमा पूंजी खो दी।
ED ने किन जगहों पर छापेमारी की?
15 अप्रैल को ED ने राजस्थान में 15 से ज्यादा जगहों पर रेड मारी, जिनमें सबसे प्रमुख था खाचरियावास का जयपुर स्थित निवास। इसके अलावा उनके करीबी लोगों के घर और ऑफिस पर भी तलाशी ली गई।
यह छापेमारी पैसों की नोक-झोंक और मनी लॉन्ड्रिंग के संदेह में की गई है। ED की टीम ने दस्तावेज जब्त किए और मामले की गहनता से जांच शुरू कर दी है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और चर्चा
कांग्रेस ने इस छापेमारी को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया है। खाचरियावास ने खुद कहा है कि वे पूरी तरह से जांच में सहयोग करेंगे, और उनका कहना है कि वे निर्दोष हैं।
“छापेमारी का टाइमिंग संदिग्ध है,” खाचरियावास ने कहा, “ये चुनावों के समय हो रही है और हमारा मानना है कि इसका मकसद राजनीति करना है।”
वहीं दूसरी ओर, बीजेपी और अन्य विपक्षी दलों ने कहा है कि कानून अपना काम कर रहा है और किसी भी राजनीतिक दबाव के आगे झुकने वाला नहीं है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
जयपुर और आसपास के इलाके में रहने वाले लोग इस खबर से चौंक गए हैं। एक स्थानीय दुकानदार ने बताया, “ऐसे बड़े मामले से राजनीति में हड़कंप मचना लाजमी है, लेकिन उम्मीद करते हैं कि सच सामने आए।”
एक कॉलेज छात्रा ने कहा, “राजनीति से अलग, जो भी गलत होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।”
PACL घोटाले से जुड़ी खास बातें
- यह घोटाला भारत के सबसे बड़े Ponzi स्कैम में गिना जाता है।
- लाखों निवेशक प्रभावित हुए हैं, जिनमें छोटे व्यापारी, किसान और आम नागरिक शामिल हैं।
- ED और अन्य एजेंसियां वर्षों से इस मामले की जांच कर रही हैं।
- अब कांग्रेस के बड़े नेता तक जांच पहुंचने से इस मामले की गंभीरता और बढ़ गई है।
क्या होगा आगे?
इस जांच का राजनीतिक और कानूनी असर अभी साफ नहीं है। पर इतना तय है कि ED की कार्रवाई से मामले में नए खुलासे हो सकते हैं।
राजस्थान की राजनीति में इस मामले की चर्चा लंबे समय तक बनी रहेगी। साथ ही, यह भी देखना होगा कि कोर्ट में क्या फैसला आता है और क्या खाचरियावास या अन्य आरोपी अपनी सफाई दे पाते हैं।
निष्कर्ष
₹48,000 करोड़ के PACL घोटाले में ED की 15 जगहों पर छापेमारी ने राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर हलचल मचा दी है। खाचरियावास जैसे बड़े नेता का नाम आने से इस मामले ने नई दिशा पकड़ ली है।
आगे आने वाले दिनों में जांच रिपोर्ट, कोर्ट के फैसले और राजनीतिक बयान बाजी पर सबकी नजर होगी। अगर आप इस मामले से जुड़ी ताज़ा खबरें जानना चाहते हैं तो हमारे साथ जुड़े रहें।